प्यार का दिन, प्यार के इजहार का दिन....... । अपने जज्बातों को शब्दों में बयां करने के लिए इस दिन का हर धड़कते हुए दिल को बेसब्री से इंतजार होता है....... । जी हां, हम बात कर रहे हैं, प्यार के परवानों के दिन की,... वेलेंटाइन-डे की....। प्यार भरा यह दिन खुशियों का प्रतीक माना जाता है.... और हर प्यार करने वाले शख्स के लिए अलग ही अहमियत रखता है।
14 फरवरी प्रेम दिवस यानि वेलेंटाईन-डे के दिन कोई ईजहार करता है तो कोई उपहार. देता है..... कहतें है ना की जोडियां स्वर्ग में बनती हैं..... ऐसा ही कुछ प्रभारी कलेक्टर अनुराग चौधरी ने इस प्रेम दिवस पर एक नही बल्कि 44 जोडों को एक सुत्र में बांधा। 14 फरवरी यानि प्रेम दिवस के दिन को प्रशासन ने दिव्यांक जोडों के लिए यादगार बना दिया। जो अपना जीवन अपनी संगीनी के साथ प्रारंभ करेंगे।
कोई पहले से प्रेम करता था.... या किसी को आज ही जीवन संगीनी मिली... जो... भी....हो। लेकिन जिला प्रशासन के इस दिव्यांग सामूहिक परिचय सम्मेनल में आने वाले दिव्यांग को आखिर कार एक जीवन साथी तो मिल ही गया। जिन्होने जीवन भर एक दुसरे का साथ निभाने की कसम खा ली......।
दिव्यांग सामूहिक परिचय सम्मेलन का आयोजन मंगलवार को (वेलेंटाईन-डे के दिन) रंगपुरा स्थित विकलांग पूनर्वास केन्द्र पर रखा गया। जहां बडी संख्या में दिव्यांग युवक युवतियां जिले भर से पहुंचे। इस अवसर पर प्रभारी कलेक्टर अनुराग चैधरी ने सम्मेलन में आए ऐसे युवक-युवतियों का सम्मान कर उन्हे बधाईयां दी।

मिलेगी शासन की और से भेंट
दिव्यांग परिचय सम्मेलन में आये युवक युवतियों को शादी के बंधन में बंधने के बाद शासन की और से विभिन्न योजनाओं का लाभ दिया जायेगा। प्रभारी कलेक्टर अनुराग चौधरी ने दिव्यांगों के परिचय सम्मेलन में बताया कि प्रशासन दिव्यांगों के जीवन यापन का भी पुरा खयाल रखा जायेगा। इसके लिए जिन दिव्यांगो के पास जमीन है उनहे तत्काल पभाव से कपिल धारा कुप की स्वीकृति दी जायेगी। जो लोन लेना चाहता है उनके लिए लोन की व्यवस्था की जायेगी। ... साथ ही एक जोडे में यदि एक विकलांग है तो पचास हजार और दोनों विकलांग है तो एक लाख रूपए दिए जायेगे। यदि अंतर्रजातिय विवाह है तो दो लाख रूपए शासन की और से मिलेंगे। साथ ही जिला प्रशासन इन दिव्यांग जोडों को चार साल का बीमा भी करवायेगा इसके लिए कुछ सामाजिक संस्थाओं और रेडक्रास आदि का भी सहयोग लिया जाएगा।
आदिवासी अंचल में दिव्यांग को एक बडा अभिशाप माना जाता है। साथ ही आदिवासी समाज में दहेज की प्रथा है ऐसे में प्रभारी कलेक्टर अनुराग चौधरी द्वारा आयोजित परिचय सम्मेलन दिव्याग युवक युवतियों के लिए आयोजित यह परिचय सम्मेलन इनके लिए मील का पत्थर साबित होगा। इस संबंध में प्रभारी कलेक्टर ने भी दिव्यांगों को साफ कह दिया कि प्रशासन उनके भविष्य को लेकर चिन्तीत है और यदि वे शासन की योजनाओं का लाभ लेकर कोई भी व्यवसाय या खेती करना चाहते है तो प्रशासन उकी हर संभव मदद करेगा।
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