पेटलावद से राजेश राठौड़ की रिपोर्ट.........
राजनैतिक शह प्राप्त शराब ठेकेदारों के हौसलें इतने बुलंद है... अब बेखौफ होकर घर घर शराब परोसने में भी नही चुक रहे है। प्रदेश भर में अहातें बंद होने के बावजुद.... भी अपने ठेकों पर अहातें खोल खुल्लेआम नियमों की धज्जियां उडाई जा रही है। रहवासियों की शिकायत पर एसडीएम भी वहां पहुंचे लेकिन वहां भी शराब ठेकेदार अपनी दादागीरी बताने लगे। एसडीएम के जाने के बाद ठेकेदार कहने लगे आईएएस इन्होने ही सिखी है..... हमें तो कुछ नही मालुम..... इनकी आईएएस भी भूला देंगे।
रविवार की सुबह ग्राम पंचायत बोराली के समीप ग्रामीणों ने शराब परिवहन कर रहे ठेकेदार की जीप पकड कर ग्रामीणों ने पुलिस के हवाले कर दी। आज शाम को शराब ठेकेदर के द्वारा दुकान के बाहर बैठक व्यवस्था कर ग्रामीणों को शराब पिलाई जा रही थी। ग्रामीणों के बार बार शिकायत करने के बाद शाम को जब एसडीएम जैसे ही शराब की दुकान पहुंचे तो वहां का नजारा देख वे भी अचम्भित रह गए। शराब दुकान संचालक द्वारा दुकान के बाहर बैठक व्यवस्था कर लोगों को शराब परोसी जा रही थी जिसके चलते एसडीएम हर्ष पंचोली ने नियमों को ध्यान में रखते हुए शराब दुकान बंद करवाई और शराब दुकान का पंचनामा बनाया।
ज्ञातव्य है कि रात्रि में शराब दुकान संचालकों द्वारा शराब के साथ साथ यहां सटटा जुआ खेलने की व्यवस्था भी की जाती है। जिसके चलते नशेडी आए दिन यहां उत्पात मचाते है। ग्रामीणों की परेशानी को देख आज एसडीएम द्वारा उक्त कारवाई की गई। जब एसडीएम कार्रवाई कर रहे थे तब दुकान संचालक भी दादागिरी करने में नही चुक रहे थे और बडी बतमिजी के साथ एसडीएम से बात करने नजर आए। वहीं एसडीएम द्वारा दुकान संचालक द्वारा की जा रही को लेकर राज्य सरकार को लिखने की बात कही.... और नियमों के पालन करना का निर्देश देते हुए कहा कि तरह से युवाओं को नशे की लत में मैं नही पडने दुंगा। गांव गांव जाकर तुम्हारे द्वारा शराब परोस कर आने वाली पीढी का बर्बाद किया जा रहा हैं। लेकिन इस बार कोई अनियमित्ता नही की जाएगी... अगर यहां मुझे सहयोग नही मिलता है तो मैं राज्य शासन की सहायता लुंगा। लेकिन युवाओं को बर्बाद होते नही देखुगा।
एसडीएम हर्ष पंचोली के जाते ही शराब दुकान संचालक ने अपनी दादागीरी और और रातनैतिक रूतबा झाडना चालु कर दिया। और कहने लगा दुकान खोलो.... इनका राज चलता है क्या कलेक्टर के पास दुकान बंद करवाने के आदेश होते है। ये आईएएस पढकर आए है। सब के घर मे है आईएएस..... आपके घर में भी आईएएस होंगे.... रोड पर बैठ कर पी रहे है तो प्रशासन क्या कर रहा है... पूरे जिले में दारू बिक रही है.... क्या कर लेंगे। महोदिया साहब को कह दिया हुं में दुकान बंद कर रा हुं मैं..... इस शब्दों को हमारे सहयोगी ने अपने कैमरे मंे इस पुरे वाक्ये को कैद कर लिया।
इसे कहते है कार्रवाई
क्षेत्रवासियों की बार बार शिकायत के बाद भी न तो पुलिस विभाग ने कार्रवाई की और न ही आबकारी विभाग ने..... लेकिन ग्रामीणों की पीढा सुन एसडीएम तत्काल वहां पहुंचे और शराब दुकान बंद करवाई.... हालांकि राजनैतिक शह होने की वजह से शराब दुकान एसडीएम के जाने के कुछ समय बाद खुल गई। लेकिन रहवासी दबी आवाज में यह कहते नजर आए... असील मर्द तो एसडीएम साहब है बाकि तो सब ........... है। रहवासियों की चैराहों पर यह भी चर्चा चली की शराब माफियाओं के साथ को राजनैता भी है... ऐेसे में एसडीएम साहब की ईमानदारी पर राजनैता या तो दबाव डालेगे या फिर उन्हे डराने के साथ साथ उनका तबादला भी करवा सकते है। जनता की आवाज सुन पहली बार किसी ने अपनी ईमानदारी का फर्ज निभाया। लेकिन माफियाओं की प्रदेश तो क्या.... देश के कई बडे नेताओं से सेटिंग है। अब देखना यह है की ईमानदारी रंग लाती है या बेमानी।
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